महासमुंद जिले में महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य व पोषण सुधार की उल्लेखनीय उपलब्धि….

महासमुंद जिले में महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य व पोषण सुधार की उल्लेखनीय उपलब्धि….

रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य के गठन की रजत जयंती वर्ष में महासमुंद जिले ने महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य व पोषण सुधार की दिशा में उल्लेखनीय उपलब्धि दर्ज की है। महिला एवं बाल विकास विभाग के सतत प्रयासों से जिले में कुपोषण दर वर्ष 2017-18 के 33.18 प्रतिशत से घटकर 2024-25 में 16.32 प्रतिशत तक आ गई है। कुपोषण को दूर करने के लिए अमृत दूध योजना, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, नवजात योजना, सुपोषण चौपाल, पोषण वाटिका और गर्म पका भोजन जैसी योजनाओं ने प्रभावी भूमिका निभाई है। गर्भवतियों और बच्चों को दूध, प्रोटीनयुक्त खाद्य पदार्थ, मोरिंगा बार, लड्डू और अंडे नियमित रूप से उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एंव बाल विकास महासमुंद ने बताया कि विभाग द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच, पूरक पोषण आहार, पोषण शिक्षा और शाला पूर्व अनौपचारिक शिक्षा जैसी छह प्रमुख सेवाएँ लगातार संचालित की जा रही हैं। संजीवनी आंगनबाड़ी कार्यक्रम के अंतर्गत केन्द्रों में शौचालय, पेयजल, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, कूलर, टीवी आदि सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं। गर्भवती महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य मापन हेतु इलेक्ट्रॉनिक वजन मशीन, इन्फेंटोमीटर और स्टेडियोमीटर जैसी आधुनिक सामग्री भी दी गई है।

कुपोषण दर 33 प्रतिशत से घटकर 16 प्रतिशत तक पहुँची

जिले में हर वर्ष वजन त्यौहार, पोषण माह, पोषण पखवाड़ा और स्तनपान सप्ताह का आयोजन कर कुपोषित बच्चों की पहचान की जाती है और उन्हें पोषण पुनर्वास केंद्रों से जोड़ा जाता है। साथ ही बाल संदर्भ शिविरों में स्वास्थ्य जांच और निःशुल्क दवाईयाँ वितरित की जाती हैं। महासमुंद जिले में आंगनबाड़ी केन्द्र केवल पोषण ही नहीं बल्कि शिक्षा सुधार में भी योगदान दे रहे हैं। बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाई के लिए प्ले स्कूल जैसी सुविधाएँ दी गई हैं। वहीं किशोरियों को ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस के माध्यम से माहवारी स्वच्छता और पोषण संबंधी जानकारी दी जा रही है।

कुपोषण दर 33 प्रतिशत से घटकर 16 प्रतिशत तक पहुँची

ई-गवर्नेंस की दिशा में भी जिले में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। पोषण ट्रैकर ऐप, हमर स्वस्थ लइका ऐप और सम्मान सुविधा के जरिए कार्यों को पारदर्शी बनाया गया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मोबाइल उपलब्ध कराकर ऑनलाइन कार्य करने की सुविधा दी गई है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा स्वास्थ्य और पोषण सुधार के साथ-साथ महिलाओं की सामाजिक व आर्थिक स्थिति मजबूत करने हेतु महतारी वंदन, सक्षम योजना और ऋण योजना जैसी महत्वपूर्ण योजनाएँ भी सफलतापूर्वक चलाई जा रही हैं।

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