लोको पायलट से सौर ऊर्जा के रोल मॉडल बने सुकलाल सूर्यवंशी….

लोको पायलट से सौर ऊर्जा के रोल मॉडल बने सुकलाल सूर्यवंशी….

रायपुर: “प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना” आज देश में ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक जनआंदोलन का रूप ले चुकी है। यह योजना न केवल बिजली उपलब्ध कराने की पहल है, बल्कि “ऊर्जा क्रांति” का प्रतीक है, जिसने आम नागरिकों के जीवन में वास्तविक बदलाव लाया है।

छत्तीसगढ़ इस दिशा में अग्रणी राज्य के रूप में उभरा है। राज्य सरकार ने पात्र परिवारों को आवेदन से लेकर इंस्टॉलेशन तक हर चरण में सहयोग प्रदान किया है। सब्सिडी की राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में अंतरित की जा रही है, जिससे पारदर्शिता और विश्वास सुनिश्चित हुआ है। साथ ही, डिजिटल पोर्टल और जनसहयोग केंद्रों के माध्यम से नागरिकों को समयबद्ध सहायता दी जा रही है।

कोरबा जिले के खरमोरा निवासी श्री सुकलाल सूर्यवंशी इस योजना की सफलता का उदाहरण हैं। भारतीय रेल में लोको पायलट के रूप में कार्यरत श्री सूर्यवंशी ने टीवी विज्ञापन के माध्यम से योजना की जानकारी प्राप्त कर इसे अपनाने का निर्णय लिया। योजना के तहत उन्हें 78,000 रूपए की केंद्रीय सब्सिडी प्राप्त हुई, जिससे उन्होंने अपने घर की छत पर 3 किलोवाट क्षमता का सोलर पैनल स्थापित कराया। आज उनका घर पूरी तरह सौर ऊर्जा पर निर्भर है। श्री सूर्यवंशी का कहना है कि अब मेरे घर की छत ही मेरी ऊर्जा का स्रोत बन गई है। यह स्वच्छ ऊर्जा आत्मनिर्भरता और गर्व का प्रतीक है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी दूरदर्शी नीतियों के कारण आज आम नागरिक सशक्त हो रहे हैं। प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना ने न केवल घरों को रोशन किया है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक बचत को नई दिशा दी है।

About News Desk