छत्तीसगढ़ में पहली बार मस्जिदों पर होगा ध्वजारोहण, वक्फ बोर्ड ने जारी किए निर्देश

छत्तीसगढ़ में पहली बार मस्जिदों पर होगा ध्वजारोहण, वक्फ बोर्ड ने जारी किए निर्देश

रायपुर 
छत्तीसगढ़ में इस बार स्वतंत्रता दिवस का जश्न एक नया इतिहास रचेगा। राज्य में पहली बार सभी मस्जिदों, मदरसों और दरगाहों के मुख्य द्वार पर तिरंगा फहराने का निर्णय लिया गया है। छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज ने इस संबंध में प्रदेशभर के मुतवल्लियों को आधिकारिक निर्देश जारी किए हैं। छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज ने सभी मुतवल्लियों को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं।

निर्देश में कहा गया है कि 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सभी धार्मिक स्थलों के मुख्य द्वार पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाए। साथ ही मुस्लिम समुदाय से राष्ट्रीय पर्व की गरिमा बनाए रखने और आपसी भाईचारे के साथ उत्सव मनाने की अपील की गई है।

वक्फ बोर्ड के अनुसार, अब तक प्रदेश के कई मस्जिदों, मदरसों और दरगाहों में ध्वजारोहण की परंपरा नहीं रही है। ऐसे में इस पहल का उद्देश्य सभी को स्वतंत्रता दिवस समारोह में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करना है। 

15 अगस्त को देशभक्ति का साझा संदेश

डॉ. सलीम राज के अनुसार, यह पहल राष्ट्रीय पर्व की गरिमा बढ़ाने और सामुदायिक एकता का संदेश देने के लिए की गई है। उन्होंने कहा 

    “तिरंगा सिर्फ एक झंडा नहीं, बल्कि हमारा सम्मान और अभिमान है। इसे फहराना वतन से मोहब्बत और देशभक्ति की पहचान है।”

बोर्ड का कहना है कि प्रदेश के कई धार्मिक स्थलों पर अब तक स्वतंत्रता दिवस या गणतंत्र दिवस पर ध्वजारोहण की परंपरा नहीं रही है। ऐसे में, इस बार सभी को सक्रिय रूप से भाग लेने और भाईचारे के माहौल में पर्व मनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

निर्देश में क्या कहा गया

जारी निर्देशों के मुताबिक:

  •     15 अगस्त को सुबह सभी मस्जिदों, मदरसों और दरगाहों के मेन गेट पर ध्वजारोहण किया जाएगा।
  •     कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय सम्मान और शांति का संदेश दिया जाएगा।
  •     आयोजन में बच्चों और युवाओं को शामिल करने की विशेष अपील की गई है।

मौलवियों के लिए पूर्व में जारी आदेश

गौरतलब है कि हाल ही में छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड ने प्रदेश के मौलवियों और निकाह पढ़ाने वाले इमामों के लिए भी एक अहम आदेश जारी किया था। इसमें स्पष्ट किया गया था कि वे निकाह के अवसर पर उपहार या नजराने के रूप में 1100 रुपये से अधिक राशि स्वीकार नहीं करेंगे। यह कदम शिकायतों के आधार पर पारदर्शिता और सादगी को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया था।

एक नई शुरुआत

इस पहल को प्रदेश में आपसी सद्भाव और राष्ट्रीय एकता की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। वक्फ बोर्ड को उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में यह परंपरा स्थायी रूप से सभी धार्मिक स्थलों में अपनाई जाएगी।

तिरंगा हमारा मान-सम्मान और अभिमान: डॉ. राज

वक्फ बोर्ड अध्यक्ष डॉ. सलीम राज ने दैनिक भास्कर से कहा कि तिरंगा हमारा मान-सम्मान और अभिमान है। इस वजह से हर मस्जिद, मदरसा और दरगाह में ध्वजारोहण का निर्देश दिया है। ये वतन परस्ती और देश से प्यार बताने का सबूत है।

छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड ने मौलवियों के लिए निर्देश जारी

इससे पहले छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड ने प्रदेश के मौलवियों को लेकर विशेष निर्देश जारी किए थे। यह आदेश सभी वक्फ संस्थाओं (मस्जिद, मदरसा, दरगाह) के मुतवल्लियों के लिए लागू किया गया था।

निर्देश में स्पष्ट किया गया कि प्रदेश में निकाह पढ़ाने वाले इमाम या मौलाना नजराने या उपहार के रूप में 1100 रुपए से ज्यादा नहीं ले सकेंगे। इस संबंध में कई शिकायतें प्राप्त होने के बाद यह आदेश जारी किया गया।

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