रायपुर : समाधान शिविर बना गांव वालों के लिए वरदान, जंगलूराम को मिली किसान किताब की द्वितीय प्रति

रायपुर : समाधान शिविर बना गांव वालों के लिए वरदान, जंगलूराम को मिली किसान किताब की द्वितीय प्रति

रायपुर : समाधान शिविर बना गांव वालों के लिए वरदान, जंगलूराम को मिली किसान किताब की द्वितीय प्रति

ग्रामीणों ने जताया मुख्यमंत्री के प्रति आभार

रायपुर

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सुशासन तिहार के तहत आयोजित हो रहे समाधान शिविर लगातार ग्रामीणों के लिए राहत और सुविधा का माध्यम बनते जा रहे हैं। डोंगरगांव विकासखंड के ग्राम करमतरा में आयोजित ऐसे ही एक शिविर में ग्राम भोथली निवासी जंगलूराम निषाद को जब तत्काल निःशुल्क किसान किताब की द्वितीय प्रति प्राप्त हुई, तो उनकी खुशी का ठिकाना न रहा। उन्होंने इसे शासन की संवेदनशीलता और सुशासन का प्रत्यक्ष उदाहरण बताया।

जंगलूराम ने बताया कि उनकी पुरानी किसान किताब फट गई थी, जिससे उन्हें खेती-किसानी के कई कार्यों में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। वे लंबे समय से इसकी द्वितीय प्रति बनवाना चाह रहे थे, लेकिन समय और संसाधनों की कमी के चलते यह कार्य हो नहीं पा रहा था। जब गांव में समाधान शिविर की मुनादी हुई, तो उन्होंने तुरंत आवेदन किया और शिविर में पहुंचकर मदद ली। प्रशासन की तत्परता से उन्हें उसी दिन नई किसान किताब की प्रति मिल गई, वो भी निःशुल्क।

शिविर के अनुभव साझा करते हुए जंगलूराम ने बताया कि न तो किसी प्रकार की राशि ली गई और न ही बार-बार चक्कर काटने की जरूरत पड़ी। मेरा काम बहुत आसानी से हो गया। उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का आभार जताया, जिनके नेतृत्व में शासन-प्रशासन अब गांवों की चौखट तक पहुँच कर समस्याओं का समाधान कर रहा है।

गौरतलब है कि समाधान शिविरों के माध्यम से न सिर्फ त्वरित दस्तावेजीय सेवाएं दी जा रही हैं, बल्कि ग्रामीणों को विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी और लाभ भी एक ही स्थान पर मिल रहा है। सुशासन तिहार के अंतर्गत आयोजित इन शिविरों से गांवों में शासन के प्रति विश्वास और जुड़ाव भी लगातार बढ़ रहा है।

करमतरा शिविर में भी बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने आकर अपने आवेदन दिए और विभिन्न विभागों की सेवाओं का लाभ उठाया। यह पहल शासन की जनकेन्द्रित सोच और पारदर्शी कार्यप्रणाली का प्रमाण है।

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