नई दिल्ली । बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के सम्मान के नाम पर पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक संग्राम मचा हुआ है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के संसद में दिए भाषण के एक हिस्से को लेकर कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, बसपा और सपा सहित कई राजनीतिक दल आक्रामक हैं। विरोधी दल के नेताओं को कहना हैं कि केंद्रीय मंत्री शाह को माफी मांग लेनी चाहिए। दिल्ली विधानसभा चुनाव को देखकर आप ने बाबा साहेब के अपमान को चुनावी अभियान का ही हिस्सा बना लिया है। उसके नेता और कार्यकर्ता दलित बस्तियों में जाकर भाजपा के खिलाफ प्रचार कर रहे हैं और उस पर आंबेडकर के अपमान का आरोप लगा रहे हैं। वहीं कांग्रेस का कहना है कि वह देश भर में कार्यक्रम करेगी। इस बीच भाजपा ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है।
भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हम कांग्रेस का काला चिट्ठा जनता के सामने रखने वाले है। केंद्रीय मंत्री प्रसाद ने कहा कि आंबेडकर का सबसे ज्यादा अपमान, तब कांग्रेस ने ही किया था। जवाहर लाल नेहरू ने उन्हें चुनाव में हरवा दिया था और उनके खिलाफ प्रचार करने भी उतरे थे। उन्होंने कहा कि 1952 के चुनाव में मुंबई उत्तर मध्य सीट से आंबेडकर हार गए थे और उनके मुकाबले नारायण सदोबा काजरोलकर को जीत मिली थी। इस चुनाव में नेहरू ने खूब कैंपेन किया था और आंबेडकर के खिलाफ प्रचार किया था। यही नहीं इन्हीं काजरोलकर को कांग्रेस की सरकार ने 1970 में पद्म भूषण जैसा देश का तीसरा सबसे बड़ा सम्मान दिया था।
भाजपा नेता प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस का नेतृत्व करने वाला पूरा नेहरू-गांधी परिवार अपने लिए भारत रत्न लेता रहा। लेकिन आंबेडकर को सम्मान नहीं दिया गया। उलटा उन्हें चुनाव हराने वाले काजरोलकर को पद्म भूषण दे दिया। भीमराव आंबेडकर का इससे बड़ा कोई अपमान नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि हमारे पास पूरे दस्तावेज हैं और हम देश भर में लोगों को बताएंगे कि कांग्रेस कैसे बाबासाहेब का अपमान करती रही है।