विदेश मंत्री एस जयशंकर आज अमेरिका के लिए रवाना होंगे। यह उनका छह दिवसीय दौरा है, जो 29 दिसंबर तक रहेगा। अपने दौरे के दौरान वह द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इस दौरान वे भारत के महावाणिज्य दूत के सम्मेलन की अध्यक्षता भी करेंगे।
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा कि विदेश मंत्री प्रमुख द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए अपने समकक्षों से मुलाकात करेंगे।
इससे पहले, 19 दिसंबर को, अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने अमेरिका-भारत साझेदारी की संभावनाओं पर जोर दिया था। उन्होंने कहा था कि टैरिफ को कम करना और व्यापार को बढ़ाना जरूरी है, ताकि यह अधिक निष्पक्ष और समान हो सके।
गार्सेटी ने भारत के कार्यबल की तारीफ की
गार्सेटी ने बृहस्पतिवार को यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भारत के कार्यबल को 'मानवता के पास का सबसे असाधारण संसाधन' बताया। उन्होंने कहा कि हमें अपने ट्रेडमार्क और बौद्धिक संपदा की रक्षा करनी चाहिए और साथ मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि परिवहन और बुनियादी ढांचा मौजूद हो, ताकि भारत अपने लक्ष्यों तक अधिक तेजी से पहुंच सके। उन्होंने कहा कि यह अमेरिकी और भारतीय हित में है।
अनुसंधान में नई संभावनाएं खोजने पर जोर
गार्सेटी ने 'अमेरिकी वैज्ञानिक और वित्तीय कौशल' को भारत की जमीनी स्तर की सरलता के साथ विलय करने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत मिलकर एक ऐसे पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण कर सकते हैं, जिसमें अमेरिकी वैज्ञानिकता और वित्तीय कौशल को भारत की सरलता के साथ जोड़ा जाए। उन्होंने बताया कि इस तरह के सहयोग से हम अनुसंधान में नई संभावनाएं खोज सकते हैं और भारत की प्रतिभा, उनकी रचनात्मकता और बड़े स्तर पर समाधान देने की क्षमता का उपयोग कर सकते हैं।